Thursday 7 March 2013

स्वस्थ सुखी रहने के सर्वसुलभ उपाय:-
१. अपनी कमाई से कम में अपना निर्वाह करना सीखें कमाई का एक तिहाई प्रतिमाह बचाने का प्रयास करें। कभी कर्ज न लें, न ही किसी से प्रतिस्पर्धा करें अपनी परिस्थिति से हमेशा संतुष्ट रहें।
२. नियमित दिनचर्या अपनायें चाहे कार्य दिवस हो या छुट्टी का दिन दिनचर्या न बदलें प्रयास करें कि इसमें कभी पांच मिनिट का भी फर्क न आए । २-३ माह ही नियमित प्रयास करना होता है इसके बाद जीवन भर के लिए यह आदत में बदल जाता है।
३. सुबह ब्रह्म मुहूर्त (सुबह ४ से ७ गर्मी में, सुबह ५ से ८ ठंड में) उठकर शौच स्नान आदि से निवृत हो कम से कम १५-२० मिनिट ईश्वर या इष्ट की आराधना अवश्य करें। इसके लिए इष्ट के सामने शुद्ध घी का दीपक और मन पसंद धूप बत्ती जलाकर शांत मन से बैठकर पूजा आराधना करें, हो सके तो एक माला गायत्री मंत्र का जप करें। इससे आप दिन भर तरोताजा महसूस करेगें आलस और थकान महसूस नहीं होगी।
४. भोजन ईश्वर का प्रसाद है यह जीने के लिए आवश्यक है हमेशा इसी उद्देश्य से भूख से कुछ कम भोजन करें। भोजन पर कोई टिप्पणी न करें। इस धारणा से भोजन करने वाले को “कि हम जितना अधिक और पौष्टिक भोजन करेंगें उतने ही ताकतवर बनेगें” उनको भोजन खा जाता है। आप दिन भर में जितना केलोरी खपत कर सकते है उतना ही खाएं। दूध मलाई खाकर एसोआराम करने वालों से सूखी रोटी खाकर मेहनत करने वाले ज्यादा ताकतवर होते हैं।
५. समस्त जगत को ईश्वर का रूप मानकर श्रृद्धा पूर्वक व्यवहार करें। यदि आप मंदिर में जाकर मूर्ति की पूजा करते हैं और बाहर आकर कुत्ते को डंडा मारते हैं तब आपने पूजा भी ईश्वर की और डंडा भी ईश्वर को मारा इसका अच्छी तरह ध्यान रखें। प्रकृति, वनस्पिति, जीव जन्तु, एवं मानवीय संबंधों को स्वार्थ, भौतिक सुख सुविधा, धन एवं संपत्ति से अधिक महत्व दें।
६. घर के समस्त कार्य स्वयं करें नौकरों के भरोसे न रहें। अपने बच्चों को भूलकर भी नौकरों के भरोसे न छोड़े। वर्तमान समय में यह बिलकुल उपयुक्त नहीं।
यदि आप उपरोक्त सरल नियमों का पालन कर सकते हैं तो जीवन भर स्वस्थ सुखी और निश्चिंत जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

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